Meditation

ध्यान और योग के द्वारा मनुष्य अपने मन की चेतना में गहराई प्राप्त करता है। ध्यान करने से आध्यात्मिक संतुष्टि और शांति मिलती है। वर्तमान में यह बहुत ही प्रसिद्ध हो गया है। बहुत से गुरु ध्यान का प्रशिक्षण देने लगे हैं। श्री श्री रविशंकर ने इसे विश्व प्रसिद्ध बना दिया है। बाबा रामदेव भी देशवासियों को निशुल्क ध्यान और योग का प्रशिक्षण देकर इसे लोकप्रिय बना रहे है।

ध्यान से अनेक लाभ मिलते है। आंतरिक ऊर्जा बढ़ती है, सकारात्मक विचार, प्रेम, धैर्य, उदारता, क्षमा करुणा जैसे गुणों का विकास होता जाता है। भारतीय संस्कृति में ध्यान शुरू से ही लोकप्रिय रहा है। भगवान शिव सदैव ध्यान की मुद्रा में बैठे रहते हैं। इसके अलावा प्राचीन भारत के सभी ऋषि मुनि प्रायः ध्यान और तपस्या करते थे।

ध्यान के अलग-अलग अर्थ हो सकते हैं। कोई बच्चा पढ़ते समय अपनी किताब पर ध्यान लगा सकता है। महर्षि पतंजलि के ग्रंथ ‘योग सूत्र’ में भी ध्यान के बारे में वर्णन किया गया है।

ध्यान से लाभ  (Benefits of meditation)
अशांत मन को शांत करता है
ध्यान उन व्यक्तियों के लिए बहुत लाभदायक है जिनका चित्त (मन) बहुत अशांत रहता है। एक व्यक्ति कभी भी अपने कार्य को ठीक तरह से नहीं कर सकता यदि मन शांत नही है। ध्यान का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह नकारात्मक विचारों को दूर करता है और सकारात्मक विचार व्यक्ति के मस्तिष्क में आते हैं।

स्वास्थ्य लाभ मिलता है
ध्यान करने से व्यक्ति का शरीर स्वस्थ और निरोगी बनता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। रक्तचाप में कमी आती है। व्यक्ति का तनाव कम होता है, स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। वृद्ध होने की गति कम होती है। यही वजह है कि आजकल ध्यान और योग बहुत प्रसिद्ध हो गया है।

बड़े-बड़े नेताओं से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटी, बड़े बिजनेसमैन सभी इसे करने लगे हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योग और ध्यान को बहुत बढ़ावा दे रहे हैं। वह नियमित रूप से योग और ध्यान करते हैं और सभी देशवासियों को करने के लिए प्रेरित करते है।

ध्यान ऊर्जावान बनाता है
जो लोग प्रतिदिन सुबह उठकर ध्यान करते हैं वे नई ताजगी से भर जाते हैं। बांसीपन, जड़ता और थकावट दूर होती है। रचनात्मक कार्य करने वालों के लिए ध्यान करना बेहद जरूरी है। इससे उन्हें नई रचनात्मक शक्ति मिलती है। चुस्ती फुर्ती मिलती है।

आत्मज्ञान की प्राप्ति
ध्यान करने से बहुत तरह का लाभ है। इसे करने से व्यक्ति स्वयं से परिचित होता है। वह अपने बारे में अधिक से अधिक जान पाता है और उसे आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है। ध्यान करने से व्यक्ति को अपने जीवन का उद्देश्य पता चलता है।

सभी महान नेता ध्यान करते थे। महात्मा गांधी सदैव ध्यान और योग करने का संदेश देते थे। स्वामी विवेकानंद, अरविंद महर्षि, जैसे अनेक प्रसिद्ध लोग ध्यान और योग करने के लिए कहते थे।

व्यक्ति की सहनशीलता बढ़ती है

ध्यान करने से व्यक्ति की सहनशीलता बढ़ती है। अक्सर हम सभी देखते हैं कि हमारे जीवन में छोटी मोटी कठिनाई, तनाव, समस्या आने से हम विचलित हो जाते हैं। आजकल तो छोटी मोटी बात पर ही लोग आत्महत्या कर लेते हैं। पत्नी से झगड़ा होने पर लोग आत्महत्या कर लेते हैं।

नौकरी छूट जाने पर लोग अपने जीवन को समाप्त कर लेते हैं। शादीविवाह टूट जाने पर परेशान हो जाते है। इस तरह अपनी जिंदगी में हम सभी छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करते हैं, पर इसका यह अर्थ नहीं कि हम अपनी जीवन लीला समाप्त कर लें। ध्यान करने से व्यक्ति की सहनशीलता बढ़ती है।

ध्यान लगाने से चिंता कम होती है
यह बात पूर्णता सत्य है। बौद्ध धर्म में भगवान गौतम बुद्ध भी ध्यान और योग को महत्वपूर्ण बताते हैं। उन्होंने स्वयं ध्यान लगाकर ज्ञान को प्राप्त किया था।

ध्यान से स्वयं का शुद्धिकरण होता है
जो लोग प्रतिदिन ध्यान करते हैं उनका मन, आत्मा और शरीर का शुद्धिकरण होता रहता है। जिस प्रकार से मैला हो जाने पर कपड़ों को साफ किया जाता है, उसी प्रकार ध्यान हमारे नकारात्मक विचारों को दूर भगाता है और हमारा मन आत्मा और शरीर को शुद्ध बनाता है। इसे करने से हमारा मस्तिष्क पहले से अधिक तेजी से काम करने लगता है और सकारात्मक दिशा में काम करता है।

ध्यान करने से व्यक्ति ईश्वर के करीब आता है
ध्यान का कोई धर्म नहीं है। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई किसी भी धर्म के लोग इसे कर सकते हैं। यह संपूर्ण मनुष्य जाति के लिए है। इसे करने से व्यक्ति ईश्वर के करीब आता है।

छात्रों को विशेष लाभ
ध्यान करने से छात्रों को विशेष रूप से लाभ होता है। जो छात्र प्रतिदिन ध्यान करते हैं उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, पढ़ाई में मन लगता है, याददाश्त बढ़ती होती है, पढ़ा हुआ याद रहता है। उनका ध्यान यहां वहां नहीं भटकता है।

छात्र अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। उनका स्वभाव अच्छा रहता है। मन और विचारों में सकारात्मकता बनी रहती है। जिससे छात्र पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। वे तेजी से चीजों को सीख पाते हैं।

जीवन में उत्साह की कमी को दूर करता है
बहुत से लोग अपने जीवन में उत्साह की कमी से ग्रस्त होते हैं। वे बस जिए जा रहे हैं, उन्हें अपने जीवन का ना तो कोई उद्देश्य दिखता है और ना ही कोई अर्थ। ऐसे लोगों को ध्यान अवश्य करना चाहिए। बिना उत्साह के किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलती है, जीवन बोझ लगता है। उत्सुकता जीवन के लिए आवश्यक तत्व है।

ध्यान कैसे करें? (How to do Meditation?)
इसे सुबह के समय करना चाहिए। यह आवश्यक है कि आप खाली पेट रहे। जमीन पर मैट बिछाकर बैठ जायें। ध्यान हमेशा शांत स्थान पर करना चाहिए। अपनी दोनों आंखें बंद करें।

ध्यान करते समय सीधा बैठना चाहिये। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। कंधे और गर्दन को विश्राम दें। इसे करने से पहले थोड़ा वार्मअप (कसरत) करें। उसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करे और ध्यान लगायें।

ध्यान करते समय लंबी और गहरी सांस लेनी चाहिए। सांस को स्थिर रखें। आपका मन शांत हो जाएगा। दोनों आँखे बंद कर अपने चेहरे पर एक मुस्कान रखें। ध्यान करने के बाद अपनी आंखें धीरे धीरे खोलें।

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